दिल्ली की मदद के लिए सामने आया भोपाल, भेजे जाएंगे आइसोलेशन बेड

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। देश में इस समय कोरोना पॉजिटिव पेशेंट (Corona Positive pateint) के मामले में भारत की राजधानी दिल्ली (Delhi) नंबर वन पर है। दिल्ली (delhi) में हर रोज 8 से 9 हजार लोग पॉजिटिव (Postive) आ रहे हैं। वही मरने वालों की भी संख्या दिल्ली में हर रोज 100 से 150 के बीच बनी हुई है। ऐसे में रोज इतने पेशेंट के पॉजिटिव सामने आने के बाद दिल्ली के अस्पतालों (Hospitals in delhi) में बेड की कमी (bed deficiency ) हो गई है। दिल्ली में बेड की कमी ना हो इसके लिए पश्चिम मध्य रेलवे मंडल ने दिल्ली को मोबाइल आइसोलेशन बेड (Mobile Isolation bed) उपलब्ध कराने की तैयारी कर ली है। यह आइसोलेशन बेड ट्रेन के कोच (train’s coach) में बनाए गए हैं और इन कोचों की खासियत ये है कि इनमें गैस सिलेंडर (Gas cylinder) की सुविधा भी है।

भोपाल में है 504 मोबाइल बेड


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Gaurav Sharma

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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।